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स्क्रीन से दूरी बनाए रखें: सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी का इस्तेमाल कम से कम करें, क्योंकि इनसे नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।

ये सपने आते तो हैं लेकिन क्या आपने सोचा है कि इन बुरे सपनों का मतलब क्या होता है.

हल्का भोजन करें: रात का खाना हल्का और पचने में आसान होना चाहिए। इसे जल्दी खाएं ताकि शरीर को आराम से पचाने का समय मिल सके।

अगर आपकी नींद का कोई तय समय नहीं है, या आप देर रात भारी खाना खाते हैं तो इसका असर भी सपनों पर पड़ता है। पेट भारी होने से शरीर को आराम नहीं मिल पाता और नींद की गुणवत्ता घट जाती है। इसके अलावा, ज्यादा चाय, कॉफी या मीठे पदार्थों का सेवन भी मस्तिष्क को उत्तेजित कर देता है जिससे बुरे सपनों की आशंका बढ़ जाती है।

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ये सपने तब आते हैं, जब आप here या तो कोई भूतिया फिल्म देख लेते हैं.

ऐसे सपनों से अक्सर नींद टूट जाती है, मन बेचैन हो जाता है और थकावट बनी रहती है। इसलिए मानसिक शांति बहुत जरूरी है।

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किसी काम या बात को लेकर जरूरत से ज्यादा सोचना और चिंता करने से भी बुरे सपने आते हैं, जिसकी वजह से अक्सर रातों को घबराहट होती है और नींद खुल जाती है.

दरअसल, साइंस भी अभी तक इस राज को नहीं सुलझा सकी है कि ऐसा होता क्यों है?

नींद न आने से भी ऐसा होता है. अगर अनिद्रा की समस्या है तो ऐसा होगा. 

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